मलियागिरी से, हिमालय की चोटी से, Maliya Giri Se Himalaya Ki Choti Se Lyrics

मलियागिरी से, हिमालय की चोटी से, भोलेनाथ की सवारी चली आ रही है

Maliya Giri Se Himalaya Ki Choti Se,
Bhole Nath Ki Sawari Chali Aa Rahi Hai Lyrics


















(विनोद अग्रवाल द्वारा)

भोलेनाथ की सवारी चली आ रही है,
महादेव की सवारी चली आ रही है,


मलियागिरी से, हिमालय की चोटी से,
भोलेनाथ की सवारी चली आ रही है, महादेव की सवारी…
गले मुंडमाला, कटि मृगछाला
गंगा जटा से बही जा रही है

कैलाश वासी, है अविनाशी,
त्रिलोचनो से ज्योति प्रकाशित
हाथों में आरती और पुष्पमाला,
उमा दर्शनाभिलाषी चली आ रही है, मलियागिरी से...

डम डम डमरू की धुनि सुना दे,
हमें अपना भोला सा मुखड़ा दिखा दे,
भक्तो को मुक्ति का मार्ग बता दे,
लगन तुम्हारी दिल में लगी जा रही है, मलियागिरी से...


असुरो को मारा, भक्तो को तारा
हमारा सहारा, दीनो का प्यारा
तेरा नाम ऋषियों ने, वेदो ने गाया
त्रिभुवन में जय जय तुम्हारी हुई जा रही है, मलियागिरी से...

जय शिव शंकर कैलाशपति
जय जय जगदम्बे पार्वती

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